सर्दियों के मौसम का कोरोना पर प्रभाव: नमस्कार, जैसा की हम सभी जानते हैं की भारत वा अन्य कई देशों में आज भी कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और जैसे-जैसे समय बीत रहा है, इसकी रोकथाम के सभी बंदोबस्त फेल होते नजर आ रहे हैं।
ऐसे में कोरोना वायरस के शुरुवात में यह बात सामने आयी थी की गर्म जलवायु वाले प्रदेशों में कोरोना धीमी गति से फैलेगा, तो यहाँ सवाल यह आता है की क्या सर्दियों के मौसम में कोरोना वायरस तेजी से फैलेगा, इस सवाल का जवाब ढूंढ़ते हुए हमने WHO की वेबसाइट को चेक किया तो हाल ही में उनके द्वारा बयान दिया गया है कि सर्दियों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ेंगे और मृत्यु दर भी बढ़ सकती है।
अब यहाँ 2 बातें समझने वाली हैं- 1. WHO ने सर्दियों के मौसम का कोरोना पर प्रभाव के बारे में क्या कहा है और 2. क्या दोबारा से सम्पूर्ण Lockdown जैसी स्तिथियाँ बन सकती हैं।
सर्दियों के मौसम का कोरोना पर प्रभाव
जैसा की भारत में जल्द ही सर्दियों का मौसम सुरु होने वाला है, और नवंबर से ही सर्दियों की शुरुवात हो जाती है, ऐसे में WHO के रीजनल डायरेक्टर का कहना है कि सर्दियों की सुरुवात से ही यूरोप समेत दुनियाभर के देशों में कोरोना वायरस के मामले में फिर तेजी से बढ़ोत्तरी हो सकती है, एक्सपर्ट ने सर्दियों से पहले लोगों को तैयार रहने की सलाह दी है।
अब यहाँ एक सवाल और आता है की आखिर WHO के द्वारा यह बयान क्यों दिया गया है- इसके सन्दर्भ में हमें जानकारी मिली की WHO के रीजनल डायरेक्टर हंस क्लग ने कहा ‘सर्दियों के मौसम में युवा आबादी बुजुर्गों के ज्यादा नजदीक होगी, ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा काफी ज्यादा रहेगा’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम कोई भविष्यवाणी नहीं करना चाहते लेकिन निश्चित तौर पर यह एक समय ऐसा होगा, जब अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाएगी और मृत्युदर में भी इजाफा होगा।
यहाँ WHO की इस बात के पीछे कारण बुजुर्गों को बताया गया है, क्योंकि बुजुर्ग होने पर इम्युनिटी सिस्टम उतनी अच्छी तरह से काम नहीं करता है जिसकी वजह से वाइरस की चपेट में आने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
आपको यह होगा, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी कहा था की इस समय बुजुर्गों का विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि अगर परिवार के किसी एक सदस्य को कोरोना हो गया तो पूरा परिवार इसकी चपेट में आ सकता है, इसके साथ ही बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की इस समय बहुत ही ज्यादा जरुरत है।
क्या दोबारा से सम्पूर्ण Lockdown जैसी स्तिथियाँ बन सकती हैं ?
यहाँ हम आपको WHO के द्वारा दिए गए दुसरे निर्देश के बारे में भी बताते हैं- कल्ज़ ने कहा है कि WHO के यूरोपीय क्षेत्रों के 55 में से 32 राज्यों और क्षेत्रों में 14 दिनों की घटना दर में 10 फीसदी से अधिक वृद्धि देखी गयी है, हलाकि कल्ज ने यह भी कहा कि हेल्थ अथॉरिटी फरवरी की तुलना में ज्यादा तैयार और मजबूत स्थिति में है, ये वो समय था जब कोरोना के मामलों में तेजी से उछाल और मौतों के आंकड़ों में बढ़ोतरी देखी गयी थी।
इस बात से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भारत में आज मेडिकल फैसिलिटी काफी हद तक बेहतर हो चुकी है और उम्मीद है की जिस प्रकार आज कोरोना वायरस से ठीक होने वालों की दर है वह आगे भी ऐसी ही रहेगी तो सम्पूर्ण लॉकडाउन जैसी स्तिथि आगे नहीं बनेगी, फिर भी हम सभी को सचेत रहना होगा और परिवार के सभी सदस्यों का पूरा ध्यान रखना होगा।
In Conclusion
सर्दियों के मौसम में जलवायु नम होती है और वायरस के बढ़ने में मददगार होती है इसलिए हमारी नैतिक जिम्मेदारी है की हम सामाजिक दूरी का पालन करें घर से बिना मास्क लगाएं ना निकलें और हांथों को सेनेटीज़ या हैंड वाश जरूर करते रहें।
क्योंकि ऐसे समय में सावधानी ही बचाव है, इस ‘सर्दियों के मौसम का कोरोना पर प्रभाव’ आर्टिकल के बारे में आपके क्या विचार हैं, कमेंट करके जरूर बताएं और अपने सुझाव भी अवश्य दें धन्यवाद।
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